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Thursday, November 27, 2008
विस्फोटों के इस युग में..............
विस्फोटों की इस दुनियाँ में जान बचाना मुश्किल है आज मिलो तुम आकर मुझसे कल का बहाना मुश्किल है कोयल जो कूक रही है कल इसका गाना मुश्किल है आज किसी का भाग्य बताना मुश्किल है विस्फोटों के इस युग में..............
2 comments:
bahut achha...dil ko chho gei apki kavita
Lovely !
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