Friday, February 23, 2018

मन का पपीहा : रेनू वर्मा

हृदय के  घोड़े पर सवार मनका पपीहा
इक नयी  उड़ान भरने को तैयार है।

कुछ नए अफ़सानेकुछ नयी मंज़िलेंकुछ नए अफ़साने बनाने को तैयार है। हृदय के घोड़े पर  सवार मन का पपीहा,इक नयी  उड़ान भरने को तैयार है। 

एक नयी उम्मीदएक नयी राह,एक नया जहां बनाने को तैयार है। हृदय के  घोड़े पर सवार मन कापपीहाएक नयी  उड़ान भरने को तैयार है।

कुछ नए सवालकुछ नए जवाब,कुछ नए हिसाब लगाने को तैयार है। हृदय के  घोड़े पर सवार मन का पपीहा,इक नयी  उड़ान भरने को तैयार है। 

कुछ खोये हुए एहसास, कुछ मिट चुकी ख्वाहिशों को 
फिर से जगाने को तैयार है। 
हृदय के घोड़े पर सवार मन का पपीहा,
इक नयी  उड़ान भरने को तैयार है।

रेनू वर्मा 

तू मेरी आवाज हैं: मंगल सिंह


तेरी  यादो का यह अजीब  सा सिलसिला हैं ,,
    तेरे पास  न  होने पर भी तेरे  साथ का अहसास  मुझे होता  हैं ,,
इस गुमां  मे रहता  हू अक्सर  मैं, कि तू मेरे साथ हैं हर  पल  मेरी हर राह मे हमराह हैं ....
           मेरी सोच  की मुक्कदश सी तू अजीब  सी दास्तां  हैं ,,
मेरे वजूद  मे तू इस कदर शामिल सा हैं , की हर  पल तेरी आँखो की नमी भी मुझे दिखती हैं ,,
              आज फिर तू मजबूर हैं शायद, की तेरी मजबूरी की दास्तां  यूँ आसमा  ने बयां की हैं ,,
कि तेरे अश्कों की नमी को मुझ तक उसने बारिश की बुंदों में  पहुचा दी हैं ,,
यूँ ही बेवजह  पहली बारिश  का नाम  नहीं होता कुछ तो खास होगा की पहली  बारिश मे हर शख्स अपने वजूद मे झाँकता  हैं ,,
कही  किसी छोर मे छुपाये अपनी असली  ज़िंदगी  को आंकता  हैं ,,
भूल जाता हैं अपनी  सारी हदे वो अक्सर , याद आता हैं वो एक  चेहरा  मयस्सर ,,,
जिसे  उसने कभी पाने की गुजारिश की थी , जिसके  साथ ऐसी बारिस  मे भीगने की ख्वाहिश  की थी ....
मैं खुद को तुझमे यूँ ही देखता हूँ एे हमनशीं  अक्सर , की इस बारिश मे केवल मैं हू तू हैं और खयालो  का कारवां  सा हैं ,,,,
        
             सच तो यह हैं की तू इस तरह जुडा हैं मुझसे ,की अगर मैं  कोई शख्स  हु तो तू शख्सियत  हैं मेरी ,,
तू आरजूँ  हैं मेरी , मेरा जुनून  हैं, तू लब्ज हैं मेरा , मेरा शुकुन हैं ......
तू इश्क हैं मेरा , मेरी हर साँस  हैं  तू पहचान  हैं मेरी  , मेरी आवाज हैं --
हा तू मेरी आवाज हैं -!!2!!""

 मंगल सिंह
           
Address-   * Mangal Singh..
MS/RB-2/E-13/ Railway coloney/ Sec.- 18/ near pushpdham building/ opposite - Cidco vinayak Mandir/ new panvel (east)/ Maharashtra/ pin-410217..

Wednesday, February 21, 2018

अमित मिश्र 'मौन'

नग़मे इश्क़ के कोई गाये तो तेरी याद आये
जिक्र मोहब्बत का जो आये तो तेरी याद आये

यूँ तो हर पेड़ पे डालें हज़ारों है निकली
टूट के कोई पत्ता जो गिर जाये तो तेरी याद आये

कितने फूलों से गुलशन है ये बगिया मेरी
भंवरा इनपे जो कोई मंडराये तो तेरी याद आये

चन्दन सी महक रहे इस बहती पुरवाई में
झोंका हवा का मुझसे टकराये तो तेरी याद आये

शीतल सी धारा बहे अपनी ही मस्ती में यहाँ
मोड़ पे बल खाये जो ये नदिया तो तेरी याद आये

शांत जो ये है सागर कितनी गहराई लिये
शोर करती लहरें जो गोते लगाये तो तेरी याद आये

सुबह का सूरज जो निकला है रौशनी लिये
ये किरणें हर ओर बिखर जाये तो तेरी याद आये

'मौन' बैठा है ये चाँद दामन में सितारे लिये
टूटता कोई तारा जो दिख जाये तो तेरी याद आये