खुदा हमारे दिल में है
बंदे हम खुद भगवान हैं
सबसे सच्चे सबसे अच्छे
दुनिया से हम अंजान हैं
बंदे हम खुद भगवान हैं
नन्ही हथेली
पर बड़ी है खुशियों की थैली
मन बड़ा “बलवान” है
बंदे हम खुद भगवान हैं
कद तो छोटा रखते हैं
ऊँचाई मगर छूने का हौसला रखते हैं
मुट्ठी में आसमान है
बंदे हम खुद भगवान हैं
ये तुम जानो
ये वो जाने
ताकत को हमारी पहचानें
हम “कल” के हिन्दुस्तान हैं
बंदे हम खुद भगवान हैं
मालिक अपनी तकदीरों के
न फकीर हैं सिर्फ लकीरों के
अपनी किस्मत के “आलाकमान” हैं
बंदे हम खुद भगवान हैं
ना जानें कोई जात-पाँत
होती है भई सबसे बात
हम सब “भारत माँ” की संतान हैं
बंदे हम खुद भगवान हैं
मई अंक
विवेकानन्द जोशी
भोपाल, मध्य प्रदेश