वो मेरे घर की गलियां
वो मेरे बाग़ की ठंडी हवा
वो मेरे छत की तारों वाली झिलमिल रातें
वो मेरे शहर की सडकों पर चलती गाड़ियों का शोर
वो मेरे बाग़ की ठंडी हवा
वो मेरे छत की तारों वाली झिलमिल रातें
वो मेरे शहर की सडकों पर चलती गाड़ियों का शोर
वो दोस्तों के साथ घूमना
वो माँ के डर से घर जल्दी जाने की ज़िद करना
वो पापा की डांट से बचने के लिए किताब लेके बैठना
वो भाई बहनों के साथ झगड़ना
वो माँ के डर से घर जल्दी जाने की ज़िद करना
वो पापा की डांट से बचने के लिए किताब लेके बैठना
वो भाई बहनों के साथ झगड़ना
वो वक़्त बीत गया
वो समां गुज़र गया
वो समां गुज़र गया
हम भी आगे बढ़ गए
और ज़माना भी आगे बढ़ गया
अब बस यादें रह गयी हैं
जो भुलाई नहीं जाती हैं।
और ज़माना भी आगे बढ़ गया
अब बस यादें रह गयी हैं
जो भुलाई नहीं जाती हैं।
5 comments:
Nicely
written
Simply awesome....!!!!
Nice lines........
Lines that touches everyone's life.....well written....
Thank you all
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