Tuesday, November 12, 2013

दयानिधान.....................निरज कुमार सिंह

प्रातः काल उठते ही कर ले, नियत प्रभु का ध्यान ।
दुःख दर्द हर लेंगे सारे, देंगे प्राणों को त्राण ।
वो हैं दयानिधान ॥
करूणापती करूणा के सागर, धन से हैं भरते वो गागर ।
लोभ मोह का नाम मिटाकर, करते मोक्ष प्रदान ।

वो हैं दयानिधान ॥

अक्टूबर अंक
निरज कुमार सिंह
(छपरा, बिहार)

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