Friday, September 12, 2008

क्योंकि हमें हमारी मंजिल मिल गयी जिसकी हमें तलाश थी वर्षों से......

चलते-चलते
रास्ते में तुमने कहा
और मैंने सुना
बाद में भी
कुछ तुमने कहा
कुछ मैंने कहा
कुछ तुमने सुना
कुछ मैंने सुना
बात जब तलक
मंजिल तक पहुँची
हम जब तलक
मंजिल तक पहुँचे
तब तक कुछ न याद रहा
कि..................
क्या तुमने कहा
क्या मैंने कहा
क्या तुमने सुना
क्या मैंने सुना
अब इन बातों का
न कोई लेखा-जोखा रहा
क्योंकि हमें वो
मंजिल मिल गयी
जिसके लिये
हम वन-वन
भटकते फिर रहे थे
हमें वो मंजिल मिल गयी
हमारी यात्रा पूरी हो गयी
इसलिये........
न ये याद रहा यहाँ पर
कि रास्ते में
क्या तुमने कहा?
क्या मैंने कहा?
क्या तुमनें सुना?
क्या मैंने सुना?
अब इन बातों से कोई
सरोकार न रहा
क्योंकि हमें हमारी
मंजिल मिल गयी
जिसकी हमें तलाश थी
वर्षों से......
जिसकी हमें प्यास थी
वर्षों से........................

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