कूछ दिनों पहले
हमने अल्लाह से वादा किया था
कि................
रमजान के महीने में
तुम्हें सुन्दर
धमाकेदार तोहफ़ा देंगे
इसी की फिराक में मुझे नींद
नहीं आती थी
सोचता था
कि कैसे?
किसी महानगर की
खुफिया एजेन्सियों की
भारत सरकार की
सरकार के मन्त्रियों की
और आम जनता
की
नींद खराब की जाये?
यही सोचते-सोचते
रात भर करवट
बदलता रह जाता था
और मेरी नींद
हमेशा की तरह अधूरी रह जाती थी
हमें बस एक बात की
हमेशा फिराक रहती थी
कि कैसे
हम खुश करें
अल्लाह को!
इसी फिराक में मैं
फिरता रहता था
इधर-उधर
पुलिस की नज़र से बचकर
भागता रहता था
मौका तलाशता रहता था
क्योंकि मुझे सिर्फ
समय ही नही चाहिए था
मुझे चाहिए था ऐसा समय
जब केवल काफ़िरों की ही
नींद हराम हो
मेरे भाई ठीक से सो सकें
ऐसा समय मिला एक दिन मुझे
मगरिब की नमाज़ के समय
इफ्तार के समय
और हमने धमाकों से
दहला दिया
भारत को
विश्व को
भारतीय सरकार को
खुफिया एजेंसियों को
और आम जनता को
भारत के दिल दिल्ली
में किया जबरदस्त धमाक
और दे दिया अल्लाह को
उनका सुन्दर तोहफ़ा...........
अब हम भी अच्छे से इफ़्तार कर सकेंगे
इस खुशी में कुछ दिन
चैन से रह सकेंगे
कम से कम ईद तक...............
2 comments:
satik baat. ati uttam. jari rhe.
han, sach hai aisi hi to masa rahti hogi unki
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