Thursday, September 4, 2008

नज़रों को नीचा कर

अकाश में उड़ते पक्षियों के परों से कभी मत खेलना
क्योंकि उन परों में तुम सी शक्ति नही
पर उनकी आहों मे शक्ति है
आहों की शक्ति राख कर देगी
राजमहलों के कंगूरों को भी
इसीलिये गनीमत इसी में है कि
अपनी नज़रों को नीचा कर
अपने रास्ते पर चला करो
क्योकि उनको तुम्हारा
इधर-उधर देखना रास नही आता।

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