Friday, September 5, 2008

काश आकाशीय पक्षियों की तरह मेरे भी पर होते

काश आकाशीय



पक्षियों की तरह



मेरे भी पर होते



मैं भी आकाश में उड़ सकता



मै भी आकाश से बातें कर सकाता



मैं भी पूरी धरती देख सकता



मैं भी घोसलों में



रह सकता



मैं भी पक्षियों के खाद्य खा सकता



तो कितना अच्छा होता



शान्ति से तो जी सकता



शान्ति से तो रह सकता



घर बनाने का कोई झंझट



नही होता


घोसले में ही सो सकता



पैसे बटोरने की कोई चिन्ता नही होती



सन्तोष से जी सकता



मानवों की बात नहीं सुनता



सुनकर भी नज़र अन्दाज़ करता



तब मेरे कितने मज़े होते



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