Saturday, May 16, 2020

मजदूर सबसे ज्यादा मजबूर : भगत सिंह

गरीब मजदूर क्या बस , मज़बूरी बन गया हूं ।
वक़्त की मार ऐसी है बस,  खिलौना बन गया हूं ।।

मेहनत करता हूँ खून पसीने से पर,  सपने तो तुम्हारे ही पूरे करता हूँ ।
पेट या जेब मेरी भले ही मेरी रहे खाली पर,  तिजोरी तो अमीरों की ही भरता हूँ ।।

काम करने के मंशा है देशऔर प्रदेशों मैं पर, अपमानित होने की नही ।
दुखद है। हूँ चाहे किसी भी प्रदेश का  पर ,  U. P वाला भईया या बिहारी ही पुकारा जाता हूं ।।

गर्व तो होता है सुन कर ।
हाँ उसी भूमि का हूँ जो धरती है पौराणिक।।

श्रीराम, श्याम जी,बुद्ध ओर महावीर वहां के।
आर्यभट्ट, चाणक्य और चंद्रगुप्त जहाँ थे।।

गंगा ,यमुना,अयोध्या, मथुराओर काशी वहां के।
बोधगया, नालंदा ओर वैशाली जहाँ थे।।

देश मे राज करने वाले (प्रधानमंत्री) सबसे ज़्यादा वहां के।
राज चलाने वाले (IAS/PCS/ प्रोफेसर) भी सबसे ज़्यादा वहां के ।।

पर करें क्या हमारे हिस्से मैं तो, जन्म जन्मान्तर गरीबी, अज्ञानता ओर विषमता ही आयी।
सदियों से कर रहे थे, आज भी कर रहे है, बरसों बरस करते रहेंगे।।

गरीब मजदूर क्या बस मज़बूरी बन गया हूं ।
वक़्त की मार ऐसी है बस खिलौना बन गया हूं ।।


भगत सिंह




मई अंक

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